ट्रम्प ने मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं: क्या व्यापार, टैरिफ और वैश्विक शांति पर भी हुई चर्चा ?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरीं जब उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ देने के लिए कॉल किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बातचीत केवल औपचारिक बधाई तक सीमित नहीं रही। ट्रम्प ने इसमें व्यापार, टैरिफ और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति जैसे मुद्दों पर बात की और साथ ही मोदी को यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध रोकने में निभाई गई भूमिका के लिए धन्यवाद भी दिया।

यह निजी बातचीत भले ही छोटी रही हो, लेकिन इसने अमेरिका–भारत संबंधों और वैश्विक राजनीतिक माहौल पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रम्प ने मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं, बातचीत ने पकड़ा राजनीतिक रंग
पहली नज़र में यह कॉल केवल एक दोस्ताना कदम लगा।
प्रधानमंत्री मोदी को “जन्मदिन मुबारक” कहना ट्रम्प और मोदी की पुरानी दोस्ती को दर्शाता है।
दोनों नेताओं की नज़दीकी 2019 के “हाउडी मोदी” कार्यक्रम और 2020 के “नमस्ते ट्रम्प” इवेंट में साफ दिखी थी, जहाँ दोनों देशों की साझेदारी को मज़बूत संदेश मिला था।
लेकिन इस बार की शुभकामनाओं के साथ बातचीत गहराई तक चली गई।
ट्रम्प ने भारत के साथ व्यापार असंतुलन और टैरिफ के मुद्दों को फिर से उठाया।
भले ही वे अब पद पर नहीं हैं, लेकिन इन मुद्दों पर चर्चा यह दिखाती है कि भारत–अमेरिका संबंध उनके लिए हमेशा प्राथमिकता में रहे हैं।
व्यापार और टैरिफ पर चिंता
राष्ट्रपति रहते हुए ट्रम्प ने भारत के साथ व्यापार पर सख्त रुख अपनाया था।
उन्होंने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेस (GSP) से बाहर कर दिया था, ताकि अमेरिकी बाज़ार तक निष्पक्ष पहुँच सुनिश्चित हो सके।
दोनों देशों के बीच टैरिफ विवाद ने कृषि से लेकर टेक्नोलॉजी सेक्टर तक असर डाला।
हाल की कॉल में ट्रम्प ने संकेत दिया कि दोनों देशों को ऐसा संतुलन बनाना चाहिए जिससे दोनों तरफ के कामगार और उद्योग लाभान्वित हों।
यह औपचारिक वार्ता नहीं थी, लेकिन टैरिफ का ज़िक्र यह दिखाता है कि उनके लिए “फेयर ट्रेड” अब भी एक बड़ा राजनीतिक एजेंडा है।
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प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी व्यापार समझौते अहम हैं,
क्योंकि भारत निर्यात बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने और विनिर्माण को मज़बूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
युद्ध रोकने के प्रयासों के लिए आभार
कॉल का उल्लेखनीय पहलू ट्रम्प का यह स्वीकार करना था कि मोदी ने वैश्विक शांति में अहम भूमिका निभाई है।
ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी को “यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध रोकने में मदद करने” के लिए धन्यवाद दिया।
भारत ने रूस–यूक्रेन संघर्ष में हमेशा संवाद और शांति का रास्ता अपनाने पर ज़ोर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान “यह युद्ध का युग नहीं है”।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद चर्चित हुआ और G20 शिखर सम्मेलन में भी उद्धृत किया गया।
यह मान्यता बताती है कि भारत वैश्विक मध्यस्थ और शांति के प्रवक्ता के रूप में उभर रहा है।
अमेरिका–भारत संबंधों के लिए संकेत
भले ही इस कॉल से कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ,
लेकिन यह इस बात का प्रतीक है कि अमेरिका–भारत संबंध कितने मज़बूत हैं।
लोकतांत्रिक मूल्यों और परस्पर सम्मान पर आधारित यह रिश्ता व्यापार, रक्षा और कूटनीति—तीनों मोर्चों पर अहम है।
ट्रम्प के लिए यह कॉल भारत के महत्व को दोहराने का अवसर था।
वहीं मोदी के लिए यह भारत की छवि को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में और मज़बूत करता है।
निष्कर्ष: शुभकामनाओं से आगे बढ़कर संदेश
ट्रम्प का प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन पर कॉल करना महज़ एक बधाई नहीं था।
इसमें व्यापार और टैरिफ से लेकर वैश्विक शांति तक के अहम मुद्दे शामिल थे।
इस बातचीत ने साफ किया कि भारत और अमेरिका के रिश्ते केवल औपचारिकताओं तक सीमित नहीं हैं।
वे भविष्य की नीतियों और वैश्विक स्थिरता को भी प्रभावित करते हैं।
इस घटना से यह संदेश भी मिलता है कि नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंध अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कितने मायने रखते हैं।