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Suryakumar Yadav का नेक कदम: एशिया कप फीस का दान

भारतीय क्रिकेट कप्तान Suryakumar Yadav का नेक कदम ने पूरे देश का दिल जीत लिया है। उन्होंने एशिया कप 2025 की पूरी मैच फीस भारतीय सेना और उन परिवारों को दान कर दी, जो पहलगाम आतंकी हमले से प्रभावित हुए थे। लगभग ₹28 लाख की इस राशि का योगदान राजनीतिक आलोचनाओं का बेहतरीन जवाब था और इसने उनके देशप्रेम और संवेदनशीलता को सामने रखा।

Suryakumar Yadav का नेक कदम

राजनीतिक चुनौती और जवाब

यह मामला तब शुरू हुआ जब आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सार्वजनिक रूप से सूर्यकुमार यादव को चुनौती दी।

उन्होंने कहा था कि यदि वह सच्चे देशभक्त हैं तो अपनी कमाई पहलगाम हमले की विधवाओं को दें।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसने विवाद को जन्म दिया।

लेकिन यह चुनौती उलटी पड़ गई जब सूर्यकुमार ने न केवल इसे स्वीकार किया बल्कि उम्मीद से भी बढ़कर कदम उठाया। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट की कमाई दान करने की घोषणा की और सोशल मीडिया पर लिखा, मैंने फैसला किया है कि इस टूर्नामेंट की मेरी पूरी फीस भारतीय सेना और पीड़ित परिवारों को दूंगा। आप हमेशा मेरी सोच में रहते हैं। जय हिंद।


कप्तान का बड़ा दिल

बीसीसीआई नियमों के अनुसार, एक भारतीय खिलाड़ी को हर T20I मैच के लिए ₹4 लाख फीस मिलती है।

सूर्यकुमार ने एशिया कप के सातों मैच खेले और कुल ₹28 लाख कमाए।

यह पूरी राशि उन्होंने बिना किसी दिखावे या राजनीतिक मकसद के दान कर दी।

पोस्ट-मैच कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका उद्देश्य सैनिकों का सम्मान करना और शहीद परिवारों को मदद देना है।

उन्होंने कहा, उम्मीद है कि हमारे सैनिक हमें प्रेरित करते रहेंगे और हम मैदान पर उन्हें गर्व महसूस कराने के और मौके देंगे।


शब्द नहीं, कर्म मायने रखते हैं

यह कदम दिखाता है कि असली फर्क शब्दों से नहीं बल्कि कर्मों से आता है।

जहाँ राजनीतिक नेता अक्सर बयानबाज़ी करते हैं, वहीं सूर्यकुमार ने ऐसा कदम उठाया जो सीधे ज़रूरतमंदों तक पहुँचा।

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टीम इंडिया ने भी एशिया कप के दौरान सेना के प्रति अपना सम्मान दिखाया।

खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने से परहेज़ किया और इसे शहीद परिवारों के समर्थन का प्रतीक बताया।


मैदान से बाहर भी नेतृत्व

सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, सूर्यकुमार का यह योगदान उनके नेतृत्व और देशभक्ति को मैदान से बाहर भी दिखाता है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत कमाई को सैनिकों के नाम कर यह साबित किया कि सच्चा नेतृत्व सिर्फ ट्रॉफी जीतने में नहीं, बल्कि समाज को प्रेरित करने में है।


असली देशभक्ति का संदेश

यह घटना हमें याद दिलाती है कि असली देशभक्ति राजनीतिक नारेबाज़ी में नहीं, बल्कि कर्मों में होती है। Suryakumar Yadav का नेक कदम एक ऐसा उदाहरण है जो नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों को सिखाता है कि सच्ची सेवा कैसे की जाती है।

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