PM धन-धान्य योजना और पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन: भारतीय कृषि में आत्मनिर्भरता की नई दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योजनाओं की शुरुआत की है — PM धन-धान्य योजना और पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, उत्पादन असमानता को खत्म करना और खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सरकार का लक्ष्य है कि नवाचार, तकनीक और समावेशी विकास के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर कृषि अर्थव्यवस्था बनाया जाए।

100 जिलों में खेती का चेहरा बदलेगी PM धन-धान्य योजना
PM धन-धान्य योजना छह वर्षों की अवधि के लिए ₹24,000 करोड़ वार्षिक बजट वाली एक महत्वाकांक्षी योजना है।
इसका लक्ष्य देश के 100 ऐसे कृषि जिलों में उत्पादन बढ़ाना है, जहाँ वर्तमान में उत्पादकता कम है।
यह योजना नीति आयोग की Aspirational Districts रणनीति पर आधारित है, जो 11 मंत्रालयों की 36 सरकारी योजनाओं को एकजुट करती है। इसके माध्यम से केंद्र, राज्य और निजी क्षेत्र मिलकर संसाधनों का बेहतर उपयोग करेंगे।
मुख्य विशेषताएँ:
- यह योजना छोटे और सीमांत किसानों (लगभग 1.7 करोड़ लाभार्थी) पर केंद्रित है।
- सिंचाई, भंडारण और ऋण जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार पर ज़ोर।
- विविध और सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना।
- जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियों का गठन, जिनमें प्रगतिशील किसान भी शामिल होंगे।
- डिजिटल मॉनिटरिंग, परफॉर्मेंस डैशबोर्ड और जिला स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन से घटेगा आयात, बढ़ेगी आमदनी
पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन ₹11,000 करोड़ से अधिक लागत वाली योजना है,
जिसका उद्देश्य भारत को दालों के आयात पर निर्भरता से मुक्त कर आत्मनिर्भर बनाना है।
इस मिशन के तहत घरेलू उत्पादन बढ़ाने, भंडारण और प्रसंस्करण संरचना को मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्य लक्ष्य:
- दाल उत्पादक किसानों को प्रत्यक्ष सहायता और विशेष क्रेडिट सुविधा।
- नए गोदाम, खरीदी केंद्र और उपभोक्ता संपर्क चैनल विकसित करना।
- उच्च उत्पादकता वाली दाल प्रजातियों को बढ़ावा देना और किसानों को आधुनिक तकनीक की ट्रेनिंग देना।
- भारत में दाल उत्पादन को संगठित, टिकाऊ और पोषण-सुरक्षित बनाना।
यह योजना न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।
ग्रामीण विकास और स्थायी कृषि की ओर कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि से संबंधित ₹5,450 करोड़ की अधोसंरचना परियोजनाओं की भी शुरुआत की है। इन योजनाओं में पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को भी शामिल किया गया है, जिससे ग्रामीण रोजगार और आजीविका में बड़ा सुधार होगा।
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दोनों योजनाएँ — PM धन-धान्य योजना और पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन — पर्यावरण-अनुकूल और प्राकृतिक खेती को भी प्रोत्साहित करती हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए टिकाऊ कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
PM धन-धान्य योजना और पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन भारतीय कृषि को आत्मनिर्भरता की नई दिशा देने वाले ऐतिहासिक कदम हैं। इनसे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल ग्रामीण भारत में नवाचार, समावेश और सशक्तिकरण का नया अध्याय खोलेगी।
यह दोनों योजनाएँ एक “नई हरित क्रांति” की शुरुआत हैं,
जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की कृषि को स्थायी और समृद्ध बनाएँगी।
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