संयुक्त राष्ट्र में भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: पाकिस्तान के झूठे प्रचार का पर्दाफाश
संयुक्त राष्ट्र में भारत की कड़ी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान की झूठी कहानियों को बेनकाब कर दिया है। भारत ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर झूठ फैलाने और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में हो रहे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों से दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवतनेनी हरीश ने “महिलाओं, शांति और सुरक्षा” पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में एक जोशीला भाषण दिया। उन्होंने पाकिस्तान की बयानबाजी को “भ्रमित करने वाली हरकतें” बताया, जिसका उद्देश्य अपने ही लोगों पर हो रहे अत्याचारों को छिपाना है।
भारत ने पाकिस्तान के प्रचार का करारा जवाब दिया
भारत ने तथ्यों और इतिहास के आधार पर पाकिस्तान की तीखी आलोचना की और बताया कि वह बार-बार कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश करता है।
राजदूत हरीश ने कहा,
“हर साल हमें पाकिस्तान के भ्रमित करने वाले आरोपों को सुनना पड़ता है, खासकर जम्मू और कश्मीर पर — जो भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिस पर उनकी नज़रें हैं।”
हरीश ने महिलाओं के अधिकारों और शांति निर्माण पर भारत के अग्रणी योगदान को उजागर किया और पाकिस्तान के अत्याचारों से इसकी तुलना की। उन्होंने कहा —
“जो देश अपने ही लोगों पर बम बरसाता है और व्यवस्थित नरसंहार करता है, वह केवल दुनिया को भ्रमित करने का प्रयास कर सकता है।”
पाकिस्तान और PoK में मानवाधिकार उल्लंघनों का खुलासा
संयुक्त राष्ट्र में भारत की कड़ी प्रतिक्रिया केवल शब्दों तक सीमित नहीं थी।
भारत ने PoK में चल रहे दमन पर भी प्रकाश डाला —
- वहां मनमानी गिरफ्तारियां, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर प्रतिबंध, इंटरनेट बंदी, और प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग आम हो गया है।
- भारत ने बताया कि PoK में लोग अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने वहां कर्फ्यू और दमन के ज़रिए जनता को डराया है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि पाकिस्तान की सेना वहां नागरिकों पर गोली चलाती है,
अवैध गिरफ्तारियां करती है, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलती है — लेकिन इन अत्याचारों पर दुनिया चुप रहती है।
पाकिस्तान का काला इतिहास: ऑपरेशन सर्चलाइट से आज तक
भारत ने अपने बयान में पाकिस्तान के लंबे मानवाधिकार उल्लंघनों के इतिहास को उजागर किया।
1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान ने ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया,
जिसमें उसकी सेना ने अपने ही 4 लाख नागरिक महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया और लाखों निर्दोषों की हत्या की।
राजदूत हरीश ने कहा —
“यह वही देश है जिसने ऑपरेशन सर्चलाइट जैसे नरसंहार को अंजाम दिया।
दुनिया अब पाकिस्तान के झूठे प्रचार को भलीभांति समझ चुकी है।”
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भारत ने यह भी बताया कि पाकिस्तान आज भी अपने अल्पसंख्यकों और जातीय समूहों पर दमन करता है,
जबकि भारत लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
जम्मू-कश्मीर पर भारत की स्पष्ट स्थिति
भारत ने अपने बयान के अंत में दोहराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेंगे।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान की कोशिशें केवल उसके अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड से ध्यान हटाने का प्रयास हैं।
भारत ने दुनिया से अपील की कि वह इस्लामाबाद के झूठ को देखे और PoK में हो रहे वास्तविक अत्याचारों पर ध्यान दे।
यह बयान दुनिया को यह याद दिलाता है कि सच्चाई की आवाज़ हमेशा झूठ से ऊंची होती है
— और भारत अब हर मंच पर इसे साबित कर रहा है।
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