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EVM (Electronic Voting Machine) कैसे काम करती है?

EVM (Electronic Voting Machine) एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसे वोट डालने के लिए बनाया गया है। इससे वोटिंग पारदर्शी (transparent), तेज़ और पेपरलेस हो जाती है।

भारत में EVM का इस्तेमाल 1982 से शुरू हुआ और आज लगभग हर चुनाव में EVM का ही इस्तेमाल होता है।

evm

🛠️ EVM के हिस्से

EVM में दो यूनिट होती हैं: 👑 सिलिकॉन वैली की Real Queen

1️⃣ Ballot Unit (मतपत्र इकाई)

  • इसमें सभी उम्मीदवारों के नाम, पार्टी के चुनाव चिन्ह (सिंबल) के साथ बटन लगे होते हैं।
  • मतदाता (voter) इन्हीं बटन को दबाकर वोट डालते हैं।

2️⃣ Control Unit (नियंत्रण इकाई)

  • इसे चुनाव अधिकारी (Presiding Officer) के पास रखा जाता है।
  • यह Ballot Unit से केबल से जुड़ी होती है।
  • Control Unit से ही मशीन को ऑन/ऑफ और एक-एक करके वोटिंग अलाउ की जाती है।

⚙️ EVM कैसे काम करती है?

👉 स्टेप-बाय-स्टेप:

1️⃣ वोटर पहचान:
पहले पोलिंग ऑफिसर वोटर की पहचान करता है (मतदाता पहचान पत्र, नाम वोटर लिस्ट में)।

2️⃣ वोट डालने की अनुमति:
चुनाव अधिकारी Control Unit पर Ballot बटन दबाता है — जिससे एक वोटर को वोट डालने की अनुमति मिलती है।

3️⃣ वोट डालना:
वोटर Ballot Unit पर जाकर अपनी पसंद के उम्मीदवार के सामने बटन दबाता है।

4️⃣ बीप की आवाज:
बटन दबते ही मशीन बीप की आवाज करती है — इसका मतलब वोट सफलतापूर्वक रिकॉर्ड हो गया है।

5️⃣ वोट रजिस्टर होना:
वोट Control Unit में स्टोर हो जाता है। इसमें बैकअप के लिए डेटा मेमोरी होती है। मशीन में एक बार में 2000–3840 वोट तक रिकॉर्ड किए जा सकते हैं।


🔍 VVPAT क्या होता है?

👉 VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) — यह EVM से जुड़ा एक अतिरिक्त सिस्टम है।
जब आप वोट डालते हैं तो एक छोटी स्लिप प्रिंट होकर 7 सेकंड के लिए दिखती है जिसमें:

  • उम्मीदवार का नाम
  • पार्टी का चुनाव चिन्ह

इससे वोटर को यह पुष्टि हो जाती है कि उसका वोट सही रिकॉर्ड हुआ है।


🔒 EVM कितनी सुरक्षित है?

✅ EVM में कोई वाईफाई या इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता — इसलिए इसे रिमोट से हैक नहीं किया जा सकता।

✅ मशीन पूरी तरह बैटरी से चलती है — बिजली जाने पर भी वोटिंग होती रहती है।

✅ मशीन सीलबंद रहती है — चुनाव आयोग की निगरानी में EVM को कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है।

✅ रिजल्ट सिर्फ Control Unit से निकाला जाता है — बिना कुंजी और अधिकृत अधिकारी के कोई डेटा नहीं निकाल सकता।


🗳️ गिनती कैसे होती है?

1️⃣ वोटिंग खत्म होने के बाद Control Unit को स्ट्रांग रूम में रखा जाता है।
2️⃣ मतगणना के दिन मशीन को खोला जाता है और Result Button दबाकर हर उम्मीदवार के वोट देखे जाते हैं।
3️⃣ VVPAT स्लिप्स से मिलान भी किया जा सकता है ताकि कोई गलती न रहे।


✅ फायदे

✨ पेपरलेस, जल्दी और सटीक वोटिंग।
✨ मानवीय गलती की संभावना कम।
✨ गिनती जल्दी होती है — रिजल्ट जल्दी मिल जाता है।
✨ वोटिंग में पारदर्शिता और भरोसा।


📌 निष्कर्ष

EVM ने भारतीय चुनाव प्रक्रिया को काफी आसान और विश्वसनीय बनाया है। VVPAT के आने से पारदर्शिता और बढ़ गई है।
इसलिए जब भी अगली बार वोट डालें, तो निश्चिंत होकर बटन दबाएँ — आपका वोट सुरक्षित तरीके से रिकॉर्ड हो रहा है!


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