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इज़रायल और हमास के बीच पहले चरण की गाज़ा शांति योजना पर ऐतिहासिक सहमति

मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी संघर्ष को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। इज़रायल और हमास ने गाज़ा में जारी लड़ाई को समाप्त करने के लिए पहले चरण की गाज़ा शांति योजना पर सहमति जताई है। यह समझौता अक्टूबर 2023 से चले आ रहे संघर्ष के बाद अब तक की सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है।

गाज़ा शांति योजना

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई विश्व नेताओं ने इस समझौते को “कूटनीतिक सफलता” बताया। अमेरिका, मिस्र और क़तर की मध्यस्थता से तैयार यह योजना मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम है।


पहले चरण की गाज़ा शांति योजना का विवरण

9 अक्टूबर 2025 को हस्ताक्षरित इस युद्धविराम समझौते में तत्काल संघर्ष विराम, धीरे-धीरे इज़रायली सैनिकों की वापसी, और हमास द्वारा बंधकों की रिहाई के बदले सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल है।
इज़रायली सुरक्षा कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह युद्धविराम 24 घंटे के भीतर लागू होने की उम्मीद है। यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 20-बिंदु शांति योजना का पहला चरण है।

योजना के प्रमुख बिंदु:

  • गाज़ा में तत्काल सैन्य कार्रवाई रोकने पर दोनों पक्षों की सहमति।
  • हमास द्वारा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत सभी बंधकों की रिहाई और बदले में इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करना।
  • गाज़ा के भीतर एक “पीली रेखा” निर्धारित की जाएगी, जहाँ तक इज़रायली सैनिक पीछे हटेंगे ताकि मानवीय गलियारे बनाए जा सकें।
  • रफ़ा सीमा द्वार को फिर से खोलते हुए खाद्य सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति को बहाल किया जाएगा।

विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह “क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और प्रगति की एक किरण” है। उन्होंने भारत की शांति समाधान की परंपरा को दोहराते हुए कहा कि भारत हमेशा संवाद और कूटनीति के माध्यम से विवादों का समाधान चाहता है।

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गाज़ा शांति योजना का वैश्विक प्रभाव

अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष ने भारी तबाही मचाई थी

— 67,000 से अधिक फिलिस्तीनियों और 1,200 इज़रायलियों की मौत हुई,

लाखों लोग विस्थापित हुए और गाज़ा की बुनियादी संरचना लगभग ध्वस्त हो गई।

इस समझौते के बाद गाज़ा में लोगों ने राहत की सांस ली है।

इससे राहत सामग्री की आपूर्ति और बंधकों की रिहाई की राह खुली है।

हालांकि, गाज़ा शांति योजना के आगे के चरणों में चुनौतियाँ बाकी हैं

— जैसे हमास का निरस्त्रीकरण, इज़रायल की वापसी के बाद शासन व्यवस्था, और पुनर्निर्माण की योजना।


पहले चरण की गाज़ा शांति योजना दुनिया के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में स्थायी शांति की ओर एक बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन इस बात का प्रतीक है कि पूरी दुनिया एक सुरक्षित और स्थिर मध्य पूर्व चाहती है।

पूरी दुनिया उम्मीद कर रही है कि यह नाजुक युद्धविराम एक स्थायी शांति और उज्जवल भविष्य की नींव बनेगा।

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