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C. P. Radhakrishnan बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति, NDA की ऐतिहासिक जीत

भारत ने एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखा जब सी. पी. राधाकृष्णन को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के समर्थन से राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल किए और अपनी जीत को सुनिश्चित किया। वहीं विपक्षी INDIA ब्लॉक को करारा झटका लगा जब 15 सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की और अपने ही गठबंधन की कमजोरी उजागर कर दी।

C. P. Radhakrishnan elected 15th Vice President of India

🗳️ जीत: NDA की ताकत और एकजुटता का प्रदर्शन

C. P. Radhakrishnan elected 15th Vice President of India की जीत को NDA की राजनीतिक मजबूती और एकजुटता का प्रतीक माना जा रहा है। 452 वोट हासिल कर उन्होंने बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया।

यह जीत न सिर्फ NDA की संसद में ताकत बढ़ाती है, बल्कि देश के उच्चतम संवैधानिक पदों में से एक पर एक अनुभवी नेता को बैठाती है। सोना-चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर


🌟 सी. पी. राधाकृष्णन कौन हैं?

C. P. Radhakrishnan एक अनुभवी राजनेता हैं जिन्होंने लंबे समय तक जमीनी स्तर पर काम किया है। वे सादगी, अनुशासन और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं।

कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक भूमिकाओं में काम कर चुके राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद तक की यात्रा मेहनत और लगन की प्रेरणादायक कहानी है। अब हिंदी यूजर्स भी कर सकेंगे गूगल के एडवांस्ड AI सर्च फीचर्स का इस्तेमाल


⚖️ विपक्ष संकट में: INDIA ब्लॉक को बड़ा झटका

INDIA ब्लॉक, जिसने विपक्षी वोटों को एकजुट करने की कोशिश की थी, तब शर्मिंदा हो गया जब 15 सांसदों ने NDA उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया

यह संकेत है कि:

  • विपक्षी खेमे में असंतोष बढ़ रहा है।
  • गठबंधन पार्टनरों के बीच तालमेल की कमी है।
  • INDIA ब्लॉक के नेताओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

यह सिर्फ चुनावी हार नहीं बल्कि विपक्ष के लिए मनोवैज्ञानिक झटका भी है।


💔 क्रॉस-वोटिंग का राजनीतिक मतलब

ऐसे महत्वपूर्ण चुनावों में क्रॉस-वोटिंग केवल संख्या नहीं बल्कि विश्वास की कमी को दर्शाती है। 15 सांसदों के पलटी मारने का मतलब है:

  • विपक्षी नेतृत्व से नाराज़गी।
  • NDA की बढ़ती पकड़।
  • 2029 आम चुनाव से पहले निष्ठा बदलने की संभावना।

📜 उपराष्ट्रपति की संवैधानिक भूमिका

भारत के उपराष्ट्रपति का पद, राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। वे न सिर्फ राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उत्तराधिकारी होते हैं बल्कि राज्यसभा के सभापति भी होते हैं।

राधाकृष्णन की जिम्मेदारी होगी कि वे:

  • सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाएं।
  • निष्पक्षता और अनुशासन बनाए रखें।
  • सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को बोलने का मौका दें।

🌐 बड़ा चित्र: इस चुनाव का अर्थ

C. P. Radhakrishnan elected 15th Vice President of India का उपराष्ट्रपति चुना जाना सिर्फ NDA की जीत नहीं बल्कि भारतीय राजनीति की बड़ी तस्वीर को दिखाता है:

  • राष्ट्रीय राजनीति में NDA का दबदबा।
  • विपक्ष का बिखराव।
  • राजनीतिक दलों के भीतर निष्ठा और अनुशासन का महत्व।

🎯 निष्कर्ष: भारतीय राजनीति में बदलाव

452 वोटों के साथ सी. पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने। यह न केवल NDA की ताकत को मजबूत करता है बल्कि INDIA ब्लॉक की कमजोरी को भी उजागर करता है।

जैसे ही राधाकृष्णन इस जिम्मेदारी को संभालने की तैयारी कर रहे हैं, संदेश साफ है: भारतीय राजनीति में दृष्टि, एकता और अनुशासन की अहमियत सबसे ऊपर है।