भारत में शुरू हुआ तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0: युवाओं को नशे से दूर रखने की बड़ी पहल
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने मिलकर देशभर में तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 की शुरुआत की है। यह पहल युवाओं को धूम्रपान और तंबाकू सेवन से दूर रखने और एक स्वस्थ पीढ़ी तैयार करने के लिए शुरू की गई है।
9 अक्टूबर 2025 को शुरू हुआ यह अभियान इस बात को दर्शाता है कि सरकार बच्चों और किशोरों में तंबाकू सेवन की बढ़ती समस्या को लेकर कितनी गंभीर है और इसे रोकने में विद्यालयों की कितनी अहम भूमिका है।

तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 का उद्देश्य और दृष्टिकोण
इस अभियान का लक्ष्य देश के सभी विद्यालयों और कॉलेजों को पूरी तरह धूम्रपान मुक्त क्षेत्र बनाना है।
ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार, भारत में 13 से 15 वर्ष के लगभग 8.4% छात्र किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, और उनकी औसत शुरुआत की उम्र मात्र 10 वर्ष है।
इसी चिंताजनक स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस अभियान को शुरू किया है,
जो “पूरे सरकार दृष्टिकोण” (Whole-of-Government Approach) पर आधारित है
— यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज, और समुदाय के सभी विभागों को एक साथ जोड़ना।
अभियान की प्रमुख गतिविधियाँ और पहलें
यह 60 दिनों तक चलने वाला अभियान देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में कई गतिविधियों के माध्यम से संचालित होगा —
- वर्ल्ड नो टोबैको क्विज और स्कूल चैलेंज:
सरकार के MyGov पोर्टल पर छात्रों के लिए प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं, जिनसे वे खेल-खेल में तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में सीख रहे हैं। - काउंसलिंग सत्र:
जो छात्र पहले से तंबाकू या धूम्रपान से जुड़ चुके हैं या साथियों के दबाव में हैं, उनके लिए विशेष परामर्श सत्र रखे गए हैं। इनमें मानसिक और भावनात्मक सहायता के साथ नशामुक्त जीवन के तरीके बताए जा रहे हैं। - जागरूकता अभियान:
पेंटिंग प्रतियोगिता, योग शिविर, रैलियाँ और शपथ कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश फैलाया जा रहा है कि “स्वस्थ जीवन सबसे बड़ी जीत है”। - सामुदायिक सहभागिता:
करगिल जैसे दूरदराज़ क्षेत्रों तक इस कार्यक्रम की पहुँच बनाई जा रही है, जहाँ स्थानीय प्रशासन, एनजीओ और स्कूली बच्चे एक साथ मिलकर “तंबाकू मुक्त भारत” का संदेश दे रहे हैं।
स्वास्थ्य नीति और दीर्घकालिक लक्ष्य
यह अभियान न केवल युवाओं को तंबाकू से दूर रखने का प्रयास है,
बल्कि भारत के व्यापक राष्ट्रीय स्वास्थ्य लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाता है।
सरकार पहले से COTPA (Cigarettes and Other Tobacco Products Act),
और National Tobacco Control Programme के तहत कई सख्त कदम उठा चुकी है।
अब तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 इन प्रयासों को जमीनी स्तर पर और मजबूत बनाता है,
खासकर गांवों और स्कूलों में, ताकि हर बच्चे तक यह संदेश पहुँचे।
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भविष्य की योजना और प्रभाव मापदंड
पहले के संस्करणों की तुलना में इस बार अभियान में लगातार मूल्यांकन, राज्यवार रिपोर्टिंग और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के साझा करने पर जोर दिया गया है।
सरकार के कुछ प्रमुख लक्ष्य हैं —
- छात्रों को ज्ञान, आत्मविश्वास और समर्थन नेटवर्क प्रदान करना ताकि वे तंबाकू का सेवन छोड़ सकें।
- विद्यालयों के पास तंबाकू बिक्री पर सख्ती और विक्रेताओं के लाइसेंस की निगरानी।
- युवाओं को योग, पढ़ाई, खेल और नई स्किल सीखने जैसे सकारात्मक कार्यों की ओर प्रेरित करना।
भारत सरकार तंबाकू लत को खत्म करने का प्रयास करती है,
बल्कि एक स्वस्थ, जागरूक और जिम्मेदार युवा पीढ़ी तैयार करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है।
यह अभियान दिखाता है कि शिक्षा और स्वास्थ्य का मेल मिलकर कैसे सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन सकता है।
यदि इसे निरंतरता मिली, तो यह भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में मील का पत्थर साबित होगा।
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