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कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर: चौथे साल भी नंबर वन

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नए आँकड़ों के अनुसार, कोलकाता लगातार चौथे साल भारत का सबसे सुरक्षित शहर बना हुआ है। यह उपलब्धि सिर्फ आंकड़ों में नहीं झलकती, बल्कि इसने शहरवासियों में गर्व और आत्मविश्वास भी जगाया है। साथ ही, इसने देशभर में यह चर्चा भी शुरू कर दी है कि कैसे शहरी सुरक्षा, कानून व्यवस्था और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।

कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर

कोलकाता: एक सुरक्षित शहर का मॉडल

एनसीआरबी की 2025 की रिपोर्ट बताती है कि कोलकाता में प्रति एक लाख जनसंख्या पर केवल 83.9 अपराध दर्ज हुए।

यह आँकड़ा भारत के 20 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 19 बड़े शहरों के औसत (828 अपराध) से बहुत कम है।

पिछले तीन वर्षों से अपराध दर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है — 2024 में 86.5 और 2023 में 103.5। यह निरंतर सुधार किसी अन्य भारतीय शहर में देखने को नहीं मिलता।

कोलकाता का यह कम अपराध स्तर चोरी, डकैती और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी को भी दर्शाता है। पुलिस आयुक्त मनोज कुमार वर्मा का कहना है कि यह सफलता सख्त पुलिसिंग, सामुदायिक सहयोग, निगरानी तकनीक के बेहतर उपयोग और नागरिकों की सजगता का परिणाम है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रशासन ने बार-बार दोहराया है कि अपराध के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति जारी रहेगी और पुलिस बल को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है।


कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर के बाद कौन हैं दूसरे स्थान पर?

एनसीआरबी की सूची में कोलकाता के बाद हैदराबाद, पुणे, मुंबई और कोयंबटूर जैसे शहर हैं।

हैदराबाद (332.3), पुणे (337.1), मुंबई (355.4) और कोयंबटूर ने भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है।

इन शहरों ने आधुनिक तकनीक, तेज पुलिस रिस्पॉन्स और नागरिक भागीदारी के जरिए सुरक्षा को मजबूत किया है।

Kolkata is the safest city in India 2

वहीं कोच्चि, दिल्ली और सूरत जैसे शहरों में अपराध दर अपेक्षाकृत अधिक है,

जिसके पीछे सामाजिक-आर्थिक असमानता, जनसंख्या घनत्व और स्थानीय पुलिसिंग की सीमाएँ मुख्य कारण हैं।


असली सुरक्षा: आंकड़ों से परे

हालांकि “कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर” आँकड़ों में अग्रणी है, विशेषज्ञ मानते हैं कि वास्तविक सुरक्षा केवल दर्ज अपराधों पर निर्भर नहीं होती।

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महिला सुरक्षा से जुड़े कई सर्वे बताते हैं कि रिपोर्टेड डेटा और वास्तविक अनुभवों में फर्क होता है।

कोलकाता में हिंसक अपराधों, संपत्ति अपराधों और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया में निरंतर सुधार यह दिखाता है कि शहर वास्तव में रहने के लिए अधिक सुरक्षित है।


क्या बनाता है कोलकाता को अलग?

पुलिस प्रशासन ने शहर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचार अपनाए हैं:

  • सार्वजनिक स्थलों पर 24×7 CCTV निगरानी
  • “प्रतिबिंब” नामक त्वरित प्रतिक्रिया दल
  • बहुभाषी सामुदायिक पुलिसिंग
  • मोबाइल पुलिस स्टेशन और नागरिक हेल्पलाइन
  • एनजीओ और जागरूकता अभियानों के साथ साझेदारी

इसके अलावा, बेहतर बुनियादी ढाँचा, खुले पार्क और सार्वजनिक परिवहन की आसान पहुँच ने भी शहर को सुरक्षित और रहने योग्य बनाया है।


लगातार चौथे वर्ष एनसीआरबी की रिपोर्ट में कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर के रूप में दर्ज हुआ है।

यह मजबूत कानून व्यवस्था, जिम्मेदार शासन और जागरूक नागरिकों की सामूहिक सफलता है।

हैदराबाद, पुणे, मुंबई और कोयंबटूर जैसे शहर भी इस दिशा में प्रेरणास्रोत बने हैं।

कोलकाता की यह सफलता केवल एक उपाधि नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए सुरक्षा, विकास और बेहतर जीवन गुणवत्ता की एक प्रतिबद्धता है।

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