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कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट: हृदय की सुरक्षा के लिए जागरूकता का संदेश

35 वर्षीय एक महिला, जो लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करती थी और एक तनावपूर्ण नौकरी में थी, अचानक लगातार थकान, सांस फूलना और छाती में कसाव जैसे लक्षण महसूस करने लगी। उसे पता नहीं था कि ये संकेत एक छिपे हुए लेकिन गंभीर हृदय स्वास्थ्य खतरे की ओर इशारा कर रहे थे। उसकी कहानी इस बात की चेतावनी है कि कैसे तनाव और निष्क्रिय जीवनशैली (sedentary lifestyle) बिना पता चले दिल को नुकसान पहुंचा सकती है। समय पर जांच करवाना जीवन बचा सकता है।

कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट

लंबे लैपटॉप घंटे और लाइफ़स्टाइल के खतरे

  • उसके दिन कई शहरी कामकाजी लोगों जैसे थे — घंटों कंप्यूटर के सामने बैठना।
  • ब्रेक के समय वह सिर्फ अपनी पसंदीदा वेब सीरीज़ देखती थी।
  • नींद का समय गड़बड़ था, भोजन जल्दबाजी में होता था और व्यायाम लगभग बंद हो गया था।
  • कुछ महीनों में उसने महसूस किया कि उसकी ऊर्जा और सहनशक्ति घट रही है।

एक नियमित हेल्थ चेकअप में सामने आया कि उसका एलडीएल (“खराब”) कोलेस्ट्रॉल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और उसका हृदय भारी दबाव में है।
ये बदलाव सीधे तौर पर निष्क्रियता, तनाव में खाने, और अनियमित नींद व व्यायाम की कमी से जुड़े थे — जो आजकल डिजिटल युग में युवाओं में आम होते जा रहे हैं।


बैठने की आदत हृदय के लिए क्यों खतरनाक है

शीर्ष हृदय विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक बैठना शरीर में मेटाबॉलिज्म को धीमा, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और पेट की चर्बी को जमा करता है।
ये सभी चीजें मिलकर हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं।
तनाव और खराब खानपान इस खतरे को और बढ़ा देते हैं, जिससे कम उम्र में ही हृदय रोग या हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।


कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट क्या है और क्यों जरूरी है

  • डॉक्टर ने उसकी स्थिति देखकर कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट करवाने की सलाह दी।
  • यह एक नॉन-इनवेसिव सीटी स्कैन होता है, जो हृदय की धमनियों में कैल्शियम जमाव (plaque) की जांच करता है।
  • यह टेस्ट यह दिखाता है कि आपकी कोरोनरी धमनियों में कितना अवरोध है और हार्ट अटैक का खतरा कितना बढ़ा हुआ है।

उसका कैल्शियम स्कोर उसकी उम्र के सामान्य स्तर से काफी अधिक था, जिससे पता चला कि उसकी धमनियों में कैल्सीफाइड प्लाक जमा हो चुके हैं।

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समय रहते यह जानकारी मिलने के कारण डॉक्टर ने तुरंत दवा, लाइफस्टाइल बदलाव और नियमित जांच की योजना बनाई।
इससे उसने संभावित जानलेवा हार्ट अटैक से खुद को बचा लिया।


विज्ञान की मदद से शुरुआती पहचान

  • विशेषज्ञों के अनुसार कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट अब एक “गेम चेंजर” बन गया है।
  • यह टेस्ट सीधे तौर पर एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में रुकावट) को दिखाता है, जो अधिकांश हार्ट अटैक का मूल कारण है।
  • यह सामान्य कोलेस्ट्रॉल टेस्ट या ईसीजी से कहीं अधिक सटीक और उपयोगी साबित होता है।

नई हकीकत: युवा और हृदय स्वास्थ्य

  • आज के डिजिटल युग में लैपटॉप और स्क्रीन के लंबे घंटे आम हैं।
  • ऐसे में हृदय रोग का खतरा अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा।
  • कम नींद, लगातार तनाव और निष्क्रिय जीवनशैली युवाओं में भी हृदय रोग के प्रमुख कारण बन रहे हैं।
  • इसीलिए, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट करवाना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी है।

निष्कर्ष

इस 35 वर्षीय प्रोफेशनल की कहानी हमें यह सिखाती है कि हृदय रोग केवल उम्रदराज लोगों का रोग नहीं है

डिजिटल जीवनशैली में सक्रिय रहना, तनाव कम करना और समय पर हृदय जांच करवाना — यही जीवन बचाने का मंत्र है।
कोरोनरी कैल्शियम स्कोर टेस्ट जैसे परीक्षण समय रहते करवाकर हम दिल की बीमारियों को रोक सकते हैं और अपने जीवन को सुरक्षित बना सकते हैं।

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