यमुना ने तोड़ा रिकॉर्ड, दिल्ली-NCR में अलर्ट: भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
यमुना नदी एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि 63 वर्षों में तीसरी बार इसका जलस्तर रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया। दिल्ली-NCR और आसपास के राज्यों में तेज़ बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी दी है और जोखिम वाले इलाकों से लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम शुरू कर दिया है।

यमुना ने छुआ नया शिखर
3 सितंबर 2025 को दिल्ली के पुराना रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 207.41 मीटर पहुंच गया, जो जुलाई 2023 के 208.66 मीटर (अब तक का रिकॉर्ड) से कुछ ही नीचे है। दिल्ली में खतरे का स्तर 204.5 मीटर और निकासी स्तर 206 मीटर है। जब जलस्तर निकासी स्तर के पार जाता है, प्रशासन तुरंत निचले इलाकों के लोगों को शिफ्ट करता है।
तेज़ बारिश, हथनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण यमुना जरूरी से ज़्यादा उफान पर है।
इस वजह से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
आपातकालीन सलाह व उपाय
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
प्रशासन ने 13 रीग्यूलेटर ड्रेन बंद किए हैं, निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार रोक दिए हैं,
और 32 नावें, 89 मोबाइल पंप, 18 स्थायी पंपिंग स्टेशन तैनात किए हैं।
अब तक 7,500 से अधिक लोगों को प्रभावित इलाकों से निकालकर 25+ राहत शिविरों में भेजा गया है।
स्कूल, कम्युनिटी सेंटर और कई आश्रय स्थल खोले गए हैं।
मुख्य घाट व ड्रेन क्षेत्रों (ITO, कश्मीरी गेट, राजघाट, कुदसिया घाट, रिंग रोड) पर सैंडबैगिंग की गई है।
शहर में जनजीवन पर असर
लगातार बारिश और बढ़ती यमुना ने दिल्ली-NCR में यातायात और जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है।
ITO, IGI एयरपोर्ट, आउटर रिंग रोड समेत कई जगह भारी ट्रैफिक जाम और जलभराव देखने को मिला।
पानी से डूबी कॉलोनियों और फंसी वाहन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं।
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नदी के किनारे ‘इडॉल विसर्जन’ पर रोक लगा दी गई है।
अगले कुछ दिनों तक और बारिश के अनुमान से बाढ़ की चिंता बनी रहेगी।
समुदाय की प्रतिक्रिया और नेतृत्व
दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में बढ़ी तैयारी, नदी की क्षमता बढ़ाना व बांधों की मरम्मत से दिल्ली पहले से बेहतर है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के सीएम ने संयुक्त प्रयास किए। मंगेशपुर ड्रेन में रिसाव से 2000 लोग शिफ्ट हुए हैं। एनडीआरएफ टीमें रेस्क्यू और राहत के लिए तैनात हैं।
बदलते मौसम के साथ तैयारी की ज़रूरत
यमुना की यह घटना दर्शाती है कि भारत को रिकॉर्ड बारिश, फ्लैश फ्लड और नदी उफान जैसी चरम प्राकृतिक आपदाओं के लिए जागरूक और तैयार रहना होगा। बेहतर फ्लड कंट्रोल और इन्फ्रा की ज़रूरत अब और ज़्यादा है।
दिल्ली-NCR को अब सामुदायिक जागरूकता व संवेदनशीलता के साथ नई जलवायु चुनौतियों के लिए खुद को मजबूत करना होगा।