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गंगा बैराज सीपेज से मेरठ-पौड़ी हाईवे बंद, बसें हापुड़ मार्ग से डायवर्ट

गंगा बैराज सीपेज ने मेरठ-पौड़ी हाईवे के हिस्से को कमजोर कर दिया, जिसकी वजह से यह महत्वपूर्ण मार्ग अचानक बंद करना पड़ा। यह हाईवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड से जोड़ने वाली जीवनरेखा है। सिंचाई विभाग ने तुरंत क्षतिग्रस्त हिस्से को मजबूत करने का काम शुरू किया, जबकि यातायात — जिसमें रोडवेज बसें भी शामिल हैं — को हापुड़ मार्ग से डायवर्ट कर दिया गया।

गंगा बैराज सीपेज

हाईवे पर क्या हुआ?

सुबह-सुबह अधिकारियों ने गंगा बैराज के पास सीपेज देखा, जिससे मेरठ-पौड़ी हाईवे की सुरक्षा को खतरा हो गया।

इंजीनियरों ने चेतावनी दी कि अगर सीपेज रोका नहीं गया तो सड़क की सुरक्षा परत टूट सकती है, जिससे यात्रियों और आसपास के गांवों को खतरा हो सकता है।

बड़ी दुर्घटना रोकने के लिए प्रशासन ने तुरंत प्रभावित हिस्से को बंद कर दिया और यातायात रोककर बैरिकेड्स लगाए।


सिंचाई विभाग की त्वरित कार्रवाई

सिंचाई विभाग ने इंजीनियरों और मजदूरों की टीम के साथ तुरंत काम शुरू किया। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का कहर

गंगा बैराज सीपेज को रोकने के लिए बालू की बोरियां, बोल्डर और जियो-मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया।

भारी मशीनों की मदद से कमजोर हिस्सों को मजबूत किया गया और पानी के दबाव को कम किया गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “गंगा बैराज के मामले में हम कोई जोखिम नहीं ले सकते। छोटी सी सीपेज भी बड़े खतरे में बदल सकती है। हमारी प्राथमिकता है कि बांध को स्थिर करें और हाईवे को सुरक्षित रूप से खोलें।”


यातायात डायवर्जन: हापुड़ मार्ग

हाईवे बंद होने से मेरठ, बिजनौर, कोटद्वार और पौड़ी के बीच चलने वाली बसें और गाड़ियां प्रभावित हुईं।

प्रशासन ने तुरंत सभी बसों को हापुड़ मार्ग से डायवर्ट कर दिया। इससे यात्रा समय बढ़ा, लेकिन संपर्क बना रहा।

यात्रियों को असुविधा हुई, मगर ज्यादातर लोगों ने राहत जताई कि प्रशासन ने समय रहते कदम उठाए। पंजाब में बाढ़ की तबाही

एक यात्री ने कहा, “लंबा रास्ता लेना मुश्किल है, लेकिन सुरक्षा सबसे पहले है। अच्छा हुआ कि खतरे से पहले ही कार्रवाई हो गई।”


गंगा बैराज सीपेज क्यों चिंता का विषय है?

गंगा बैराज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिंचाई, जल स्तर नियंत्रण और बाढ़ प्रबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन सीपेज के कारण कई खतरे पैदा होते हैं:

  • सड़क धंसने का खतरा – लगातार सीपेज से सड़क और बांध की मिट्टी कमजोर हो जाती है।
  • बाढ़ का खतरा – अगर नियंत्रण न हुआ तो सीपेज बांध तोड़कर गांवों को डुबो सकता है।
  • आर्थिक असर – मेरठ-पौड़ी जैसे हाईवे व्यापार और पर्यटन के लिए अहम हैं।
  • सुरक्षा खतरा – हजारों लोग, खासकर उत्तराखंड जाने वाले तीर्थयात्री, इस मार्ग पर निर्भर हैं।

स्थानीय निवासियों और यात्रियों पर असर

हाईवे बंद होने से न केवल लंबी दूरी के यात्रियों को परेशानी हुई, बल्कि स्थानीय दुकानदारों और किसानों को भी नुकसान हुआ।

दुकानों पर भीड़ घटी और किसानों को अपनी उपज मंडियों तक पहुंचाने में कठिनाई हुई। तीर्थयात्रियों को भीड़भाड़ वाले वैकल्पिक रास्तों से गुजरना पड़ा।

फिर भी, स्थानीय लोगों ने माना कि समय पर बंद करने से बड़ा हादसा टल गया।


प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे बंद हिस्से से दूर रहें और ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों का पालन करें।

साथ ही, अधिकारी दीर्घकालिक समाधान पर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


अंतिम विचार

गंगा बैराज सीपेज और मेरठ-पौड़ी हाईवे का बंद होना हमें यह याद दिलाता है कि नदियों का दबाव किस तरह बुनियादी ढांचे को कमजोर कर सकता है।

सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।

हालांकि हापुड़ मार्ग से डायवर्जन ने यात्रा समय बढ़ा दिया है, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरि है।

यह घटना बताती है कि सड़कों, पुलों और बैराजों जैसी संरचनाओं की नियमित निगरानी और मजबूती कितनी जरूरी है।