आरबीआई का नया डिजिटल लॉकआउट नियम: अब समय पर EMI न चुकाने पर बंद हो सकता है फोन और टीवी
भारत में उपभोक्ता ऋण भुगतान प्रणाली में बड़ा बदलाव आने वाला है। आरबीआई का नया डिजिटल लॉकआउट नियम (RBI Digital Lockout Rule) जल्द ही लागू हो सकता है, जिसके तहत अगर कोई ग्राहक अपनी EMI समय पर नहीं चुकाता है, तो बैंक या ऋणदाता दूर से ही उसके मोबाइल फोन या टीवी को लॉक कर सकते हैं। यह प्रस्तावित व्यवस्था भुगतान अनुशासन को बढ़ावा देने और उपभोक्ता ऋण डिफॉल्ट को कम करने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है।

कैसे काम करेगा डिजिटल लॉकआउट सिस्टम
यह तकनीक उन उपकरणों पर आधारित होगी जिनमें EMI पर खरीदे गए डिवाइसों में पहले से सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर मॉड्यूल इंस्टॉल किया जाएगा।
अगर कोई ग्राहक अपनी किश्त चूक जाता है या डिफॉल्ट करता है,
तो सिस्टम उसके डिवाइस को रिमोट सिग्नल भेजकर लॉक कर देगा।
इस लॉक के दौरान ग्राहक अपने फोन या टीवी का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा,
जब तक वह बकाया राशि चुका नहीं देता या ऋणदाता से समझौता नहीं कर लेता।
ऐसी प्रणाली चीन, मेक्सिको और कुछ अफ्रीकी देशों में पहले से लागू है,
जहाँ ऋणदाता मोबाइल निर्माताओं और टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं
ताकि डिफॉल्ट को रोका जा सके और अपने वित्तीय हितों की रक्षा की जा सके।
आरबीआई का कदम क्यों आवश्यक है
आरबीआई का नया डिजिटल लॉकआउट नियम उस समय आया है जब “बाय नाउ, पे लेटर” जैसी योजनाओं और आसान ऋण उपलब्धता के कारण डिफॉल्ट दरें बढ़ी हैं। यह न केवल बैंकों की वित्तीय स्थिरता पर असर डालता है बल्कि उपभोक्ताओं में गैर-जिम्मेदार उधारी की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा देता है।
आरबीआई इस नियम के माध्यम से उधारकर्ताओं और ऋणदाताओं के बीच संतुलन बनाना चाहता है।
डिजिटल लॉकआउट से ऋणदाता बिना सख्त वसूली प्रक्रियाओं के बकाया राशि की वसूली कर सकेंगे।
कानूनी नोटिस या सामान की जब्ती के बजाय, अब केवल फोन या टीवी अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा।
जो लोगों को समय पर EMI चुकाने के लिए प्रेरित करेगा।
उधारकर्ताओं पर असर
यह नीति उधारकर्ताओं पर दोतरफा असर डाल सकती है।
एक ओर, यह उन्हें जिम्मेदार उधारी के लिए प्रेरित करेगी और समय पर भुगतान करने वालों की क्रेडिट हिस्ट्री मजबूत बनाएगी।
दूसरी ओर, यह उन लोगों के लिए कठिनाई पैदा कर सकती है जो बेरोजगारी, बीमारी या आकस्मिक आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें: RBI AIF निवेश नियम 2025: संवर्धित नियमों के माध्यम से वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाना
फोन बंद हो जाने से नौकरी, शिक्षा या आपातकालीन संपर्क में समस्या आ सकती है।
इसलिए, उम्मीद है कि आरबीआई इस नीति के साथ स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करेगा — जैसे ग्रेस पीरियड, पूर्व चेतावनी, और विवाद निवारण प्रक्रियाएँ।
🌍 अन्य देशों का अनुभव
अफ्रीका, चीन और मेक्सिको में डिजिटल लॉकआउट समाधान ने ऋण वसूली की दरें बढ़ाई हैं।
उदाहरण के लिए, केन्या में EMI पर खरीदे गए स्मार्टफोनों को बंद करने से भुगतान अनुपालन में तेजी आई।
हालाँकि, कई देशों में उपभोक्ता सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए गए ताकि इस व्यवस्था का दुरुपयोग न हो।
भारत में भी इसी संतुलन की जरूरत होगी।
भारत में उपभोक्ता ऋण का भविष्य
अगर यह नीति लागू होती है, तो भारत में EMI पर इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने के तरीके में बड़ा बदलाव आएगा।
उपभोक्ता अब सावधानी से किस्त योजना चुनेंगे, और ऋणदाता बिना कानूनी झंझट के अपने जोखिम को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाएंगे।
लेकिन साथ ही, पारदर्शिता, सहानुभूति और जिम्मेदार ऋण देने की नीति को प्राथमिकता देना जरूरी होगा।
उधारकर्ताओं को भी किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले “डिजिटल लॉकआउट फीचर” से संबंधित शर्तें ध्यान से पढ़नी चाहिए और समस्या होने पर बैंक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
khaberbox.com पर पढ़ें ताजा समाचार (हिंदी समाचार), मनोरंजन, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म, शिक्षा, बाज़ार और प्रौद्योगिकी से जुड़ी हर खबर। समय पर अपडेट या हिंदी ब्रेकिंग न्यूज के लिए खबर बॉक्स चुनें। अपने समाचार अनुभव को और बेहतर बनाएं।