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भारत का डिजिटल रुपया: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सरकार का डिजिटल करेंसी पर बड़ा कदम

भारत सरकार अब अपनी डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency – CBDC) को लॉन्च करने के करीब है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मजबूत समर्थन के साथ यह कदम देश की वित्तीय प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव साबित हो सकता है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में इस रणनीतिक पहल पर बात की, जिससे यह साफ है कि सरकार भारत की भुगतान प्रणाली को आधुनिक बनाने और वैश्विक फिनटेक ट्रेंड्स के साथ कदम मिलाने के लिए गंभीर है।

डिजिटल करेंसी

डिजिटल करेंसी (CBDC) का क्या मतलब है?

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) असल में देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई डिजिटल मुद्रा होती है, जो सामान्य नोटों की तरह वैध होती है।
भारत में इसे “डिजिटल रुपया” या “ई-रुपया (e₹)” कहा जाता है। यह पूरी तरह से सरकार की गारंटी के साथ आता है, जिससे यह क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित और स्थिर होता है।
इस परियोजना की देखरेख भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कर रहा है।


भारत में डिजिटल करेंसी की दिशा में उठाए जा रहे कदम

भारत सरकार ने इस दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं:

  1. वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion): डिजिटल करेंसी से पैसे भेजना आसान, सस्ता और सुरक्षित हो जाएगा, खासकर उन लोगों के लिए जो बैंकिंग सेवाओं से दूर हैं।
  2. मुद्रा पर निर्भरता में कमी: डिजिटल रुपया नकद के स्थान पर एक वैकल्पिक माध्यम होगा जिससे काले धन, नकली नोट और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं कम होंगी।
  3. तेज़ और लचीला भुगतान: डिजिटल करेंसी (CBDC) के ज़रिए ट्रांजेक्शन और भी तेज़ और आसान होंगे, जो भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने में मदद करेंगे।

भारत अब चीन, स्वीडन और नाइजीरिया जैसे देशों की कतार में शामिल हो गया है,

जो ब्लॉकचेन और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स जैसी आधुनिक तकनीक को अपनाने में अग्रणी हैं।


भारत की डिजिटल करेंसी कैसे काम करेगी?

प्रस्तावित डिजिटल रुपया नकद और मौजूदा डिजिटल भुगतान सिस्टम के साथ काम करेगा, लेकिन इसमें कुछ अतिरिक्त सुविधाएं होंगी।
यूज़र अपने आधार और मोबाइल नंबर से जुड़े सुरक्षित डिजिटल वॉलेट्स के ज़रिए इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
RBI यह सुनिश्चित करेगा कि हर ट्रांजेक्शन पारदर्शी, सुरक्षित और ट्रेस करने योग्य हो — साथ ही उपयोगकर्ता की गोपनीयता बनी रहे।

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डिजिटल रुपया के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्‍यवसाय (P2M) दोनों प्रकार के भुगतान संभव होंगे।
सरकारी ट्रायल्स के अनुसार, यूज़र बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी अपने स्मार्टफोन से लेनदेन कर सकेंगे।


लॉन्च की अगली प्रक्रिया

पीयूष गोयल के बयान से स्पष्ट है कि सरकार डिजिटल रुपया को जल्द लॉन्च करने के लिए तैयार है।

RBI आने वाले महीनों में देशभर में पायलट प्रोग्राम्स शुरू करेगा। शुरुआती ट्रायल सफल रहे हैं,

और कई प्राइवेट सेक्टर कंपनियों के साथ साझेदारी पर काम चल रहा है।


मुख्य फायदे और चुनौतियाँ

फायदे:

  • तेज़ और सुरक्षित भुगतान
  • वित्तीय पारदर्शिता
  • सस्ते ट्रांसफर और रेमिटेंस
  • बैंकिंग सेवाओं से दूर लोगों को वित्तीय पहुंच

चुनौतियाँ:

  • ग्रामीण और बुजुर्ग आबादी को डिजिटल शिक्षा देना
  • डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी
  • मौजूदा बैंकिंग सिस्टम के साथ एकीकरण

डिजिटल करेंसी (CBDC) भारत की वित्तीय तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
RBI और सरकार की यह पहल डिजिटल लेनदेन को आसान, सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी।
आने वाले वर्षों में, जब डिजिटल रुपया व्यापक रूप से अपनाया जाएगा, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को एक नए युग में ले जाएगा।

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