महिला ने दर्ज कराई तेजस्वी यादव पर FIR, ‘माई-बहन योजना’ में धोखाधड़ी का आरोप
बिहार की राजनीति में विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल ही में एक घटना ने सियासी हलचल को और तेज कर दिया। एक महिला ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर में न केवल तेजस्वी यादव बल्कि कई अन्य राजद नेताओं के नाम भी शामिल हैं। आरोप है कि ‘माई-बहन योजना’ के नाम पर जनता के साथ धोखाधड़ी की गई और इस योजना का इस्तेमाल वित्तीय गड़बड़ी के लिए किया गया।

आरोप: ‘माई-बहन योजना’ में धोखाधड़ी
शिकायतकर्ता महिला का कहना है कि माई-बहन योजना को महिलाओं और बहनों के सशक्तिकरण के लिए चलाया गया एक कल्याणकारी कार्यक्रम बताया गया था।
लेकिन वास्तविकता इससे अलग थी। महिला का आरोप है कि योजना के नाम पर झूठे वादे किए गए
और वित्तीय अपराधों को अंजाम दिया गया। एफआईआर में सीधे तौर पर तेजस्वी यादव पर FIR दर्ज की गई है
और कहा गया है कि राजद नेताओं ने जनता को गुमराह कर अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस योजना का दुरुपयोग किया।
राजनीतिक असर
यह मामला अब राज्य की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन चुका है। विपक्षी दलों ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है,
जबकि राजद प्रवक्ताओं ने इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया है।
तेजस्वी यादव, जिन्हें बिहार की राजनीति का उभरता चेहरा माना जाता है,
इस समय अपनी साख बचाने की चुनौती का सामना कर रहे हैं।
चुनावी माहौल में यह विवाद उनके लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकता है।
जनता का भरोसा और कल्याणकारी योजनाएँ
यह विवाद केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है
बल्कि जनता के भरोसे का सवाल भी है। महिला ने दूसरी शादी की और पहले बूढ़े सास-ससुर पर किया केस
भारतीय राजनीति में लंबे समय से महिलाओं, किसानों और गरीबों के लिए योजनाएँ केंद्र में रही हैं।
लेकिन जब इन योजनाओं पर धोखाधड़ी का आरोप लगता है, तो जनता के मन में विश्वास की कमी होना स्वाभाविक है।
‘माई-बहन योजना’ विवाद यह दिखाता है कि घोषणाओं और वास्तविक लाभ के बीच की खाई कितनी बड़ी हो सकती है।
अदालत में आरोप सिद्ध हों या न हों, जनता की धारणा पर इसका असर पहले ही पड़ चुका है।
एक नागरिक की लड़ाई
इस मामले की खास बात यह है कि एक महिला ने बड़े राजनीतिक नेताओं के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया।
किसी प्रभावशाली नेता जैसे तेजस्वी यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना आसान नहीं है।
यह कदम बताता है कि अब आम नागरिक भी जवाबदेही की मांग करने से पीछे नहीं हट रहे।
राजनीतिक जवाबदेही की परीक्षा
‘माई-बहन योजना’ में कथित धोखाधड़ी को लेकर दर्ज हुई तेजस्वी यादव पर FIR ने बिहार की राजनीति में जवाबदेही
और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
यह तेजस्वी यादव के नेतृत्व की परीक्षा है। जनता के लिए यह सोचने का समय है
कि क्या वाकई कल्याणकारी योजनाएँ अपने असली उद्देश्य तक पहुँच पाती हैं।
और उस महिला के लिए, जिसने एफआईआर दर्ज कराई, यह न्याय की व्यक्तिगत लड़ाई है
जो अब जनता की जवाबदेही का प्रतीक बन गई है।
आगे इस मामले पर अदालत का क्या फैसला होगा, यह देखने लायक होगा,
लेकिन फिलहाल इसने बिहार की राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है।